बताया जा रहा है कि झारखंड राज्य के विधिक सेवा प्राधिकार (झालसा) द्वारा 100 दिन के लिए गांव में अभियान चलाया जा रहा है ताकि बच्चों और महिलाओं का ट्रैफिकिंग करके उनका गलत तरीके से बाल श्रम, बाल विवाह के साथ शोषण ना कर सके।
बता दूं कि झारखंड के बच्चों एवं महिलाओं को ट्रैफिकिंग या तस्करी से बचाने के लिए क्योंकि बच्चों और महिलाओं के साथ बाल श्रम, बाल विवाह और शोषण किया जाता है। इसलिए झारखंड के विधिक सेवा प्राधिकार (झालसा) के द्वारा 100 दिनों तक 30 हजार से अधिक गांवों में अभियान चलाया जाएगा। जिसके वजह से लोगों को बहुत ज्यादा राहत मिलने वाली है चलिए इस आर्टिकल में हम डिस्कस करने वाले हैं।
जी हां मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बताया जा रहा है जिन गांवों में महिलाओं एवं बच्चों की ट्रैफिकिंग या तस्करी ज्यादा होती है उनको स्पेशली फोकस किया जाएगा। साथ ही लोगों को और बच्चों एवं महिलाओं को जानकारी दिया जाएगा ताकि सतर्क रह सके। यह अभियान के दौरान बच्चों को शिक्षा, पोषण के साथ कई अन्य विकास की जरूरत चीजों को जिला स्तरीय के बाल संरक्षण यूनिट और जिला बाल कल्याण समिति द्वारा पूरा किया जाएगा। यह भी बता दूं की जरूरत पड़ने पर या ग्राम स्तरीय बाल सुरक्षा कमेटी और कैलाश सत्यार्थी फाउंडेशन की भी मदद ली जाएगी।
अभियान जेलों पर भी चलेगा
जो अभियान चलाया जा रहा है 100 दिन के अंदर उसमे जिलों को भी शामिल किया जाएगा ताकि कोई भी चूक ना हो सके। जा रहा है कि ऐसे लोगों को भी पहचाना जाएगा, फिलहाल उनकी जमानत मिली है। उन पर पूरी तरह से फोकस किया जाएगा। साथ ही वह बाहर ना आ सके। इसके अलावा बताया जा रहा है जिनको सजा मिल चुकी है लेकिन उनकी पहचान नहीं हो पा रही है तो उनको कानूनी रूप से सहायता भी दिया जाएगा। इस अभियान के दौरान जेल में बंद कैदियों को पड़ेगी तो उनको कानूनी रूप से मदद किया जाएगा। और तो ओर ऑबजर्वेशन होम में भी तीन साल से बंद हुऐ किशोर अवस्था की भी कानूनी रूप से मदद की जाएगी
राज्य के महिलाओं-बच्चों के स्वास्थ्य सेवा के लिए apps लांच होगा
झारखंड राज्य के महिलाओं एवं बच्चों के स्वास्थ सेवाओं के लिए झालसा एक ऐप तैयार की जा रही है। इस एप की मदद से ग्रामीण क्षेत्र के महिलाओं एवं बच्चों को स्वास्थ्य संबंधी सभी प्रकार की सुविधाएं और खास करके महिला रोग से पीड़ित को जानकारी मिल सके। इसके आलावा महिलाओं से जुड़ी सभी प्रकार की रोग के लिए एवं उनके स्वास्थ्य को लाभ देने के लिए इसको लॉन्च किया गया है। मैं बस महिलाओं का नाम और अन्य जो उनको प्रॉब्लम है वह डालकर वह इसके बारे में जानकारी ले सकते हैं। और मैं बता दूं कि उनकी जानकारी सिर्फ उन तक ही रहेगी। जो महिलाएं किशोर अवस्था में है उनको किसी प्रकार से दिक्कत ना हो सके स्पेशली उनका ध्यान में रखकर इसको लॉन्च किया गया है।
इस योजना से महिलाओं एवं बच्चों की ट्रैफिकिंग किया गया थी और बच्चों एवं महिलाओं को अच्छी तरह से जानकारी हो ताकि आगे यह प्रॉब्लम फेस न करना पड़े।