Bihar Caste Census Report: बता दें कि बिहार की तर्ज पर अब झारखंड राज्य में भी जाति आधारित जनगणना की तैयारी हो सकती है। यही साल विधानसभा के मॉनसून सत्र में Jharkhand सरकार के द्वारा जाति आधारित जनगणना का प्रस्ताव तैयार करके भारत सरकार को भेजने की बात भी कही थी। अब जल्द ही हेमन्त सोरेन सरकार के द्वारा विधानसभा से जाति आधारित जनगणना का प्रस्ताव पारित करा के केंद्र सरकार को भेजने वाली है। ये भी पक्ष-विपक्ष की ओर से यह यानी जातीय जनगणना कराये जाने की मांग उठती रही है। सदन में बताया जा रहा है कि जिस तरह से बिहार के तर्ज पर अब Jharkhand में भी होगा जाति जनगणना होनी चाहिए। हेमंत सरकार के साथ कांग्रेस और राजद ने कहा कि झारखंड में भी जातीय जनगणना (Bihar Caste Census Report) करायी जाये।
पिछले दिनों में जातीय जनगणना को लेकर बैठक के साथ चर्चा किया जा रहा है सरकार के द्वारा गठबंधन दलों की पिछले दिनों बैठक भी हुआ है। इसमें शामिल दलों का कहना था कि जातियों को जनसंख्या के आधार पर नियुक्ति से लेकर अन्य कई प्रकार से लाभ दिलाने के लिए लंबे समय से राज्य में जाति आधारित जनगणना की मांग उठती रही है। विशेष तौर पर नियुक्तियों के लिए ओबीसी हिस्सेदारी की बात किया जा रहा है। जाति आधारित जनगणना के जानकारी का उपयोग राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक नीतियों को बनाने व प्राथमिकता निर्धारित करने के लिए किया जाता है। साथ योजनाओं को नीतियों के निर्माण के लिए आवश्यक जानकारी प्रदान करती है।
बिहार के जाति आधारित गणना रिपोर्ट (Bihar Caste Census Report)देखे
गांधी जयंती के मौके पर बिहार सरकार यानी सोमवार को जाति आधारित गणना की रिपोर्ट (Bihar Caste Census Report)जारी की है। साथ ही बता दें कि देश का पहला राज्य बन गया है बिहार जातीय गणना की रिपोर्ट जारी किया है। इस गणना के आधार पर बिहार राज्य की कुल आबादी 13.07 करोड़ से अधिक है, जिनमें 53.72 लाख बिहार के बाहर अस्थायी प्रवास करने वाले हैं। और तो ओर राज्य में जातियों के अनुसार सर्वाधिक 36.0148 फीसदी आबादी अत्यंत पिछड़ा वर्ग की है। इसी प्रकार पिछड़े वर्ग की बात करें तो जातियों की संख्या 27.1286 फीसदी, अनुसूचित जातियों की संख्या 19.6518 फीसदी, अनुसूचित जनजाति की संख्या 1.6824 फीसदी और अनारक्षित श्रेणी की जातियों की संख्या 15.5224 फीसदी है।