Pi42 क्रिप्टो एक्सचेंज: स्पॉट ट्रेडिंग में एक बिटकॉइन खरीदने के लिए अधिक पैसे की आवश्यकता होती है, लेकिन फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट में ट्रेडर्स कम पैसे से पोजीशन ले सकते हैं। इससे वे क्रिप्टो मुद्रा की कीमत के अंदरूनी आंकड़ों का अनुमान लगा सकते हैं, बिना क्रिप्टो को खरीदे।
Pi42 क्रिप्टो फ्यूचर्स एक्सचेंज ने निवेशकों के लिए जीरो टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स (TDS), लॉस ऑफसेट, और कम टैक्स की सुविधा प्रदान की है। इस सुविधा को लागू किया गया है जब भारत में क्रिप्टो ट्रेडिंग की वॉल्यूम में टैक्स के उच्च दर के कारण कमी आई है। Pi42 का लॉन्च किया गया था वजीरएक्स के फाउंडर निश्चल शेट्टी और जेबपे के पूर्व सीईओ अविनाश शेखर द्वारा। Pi42 ने भारत में पहले क्रिप्टो-आईएनआर फ्यूचर्स एक्सचेंज के रूप में अपनी पहचान बनाई है। वजीरएक्स और जेबपे जैसे एक्सचेंज स्पॉट ट्रेडिंग और निवेश की सुविधा प्रदान करते हैं।
Pi42 क्रिप्टो एक्सचेंज: क्या ट्रेडिंग में फ्यूचर्स में कम पैसे में काम किया जा सकता है?
Pi42 क्रिप्टो एक्सचेंज: स्पॉट ट्रेडिंग में एक बिटकॉइन खरीदने के लिए काफी पैसे की आवश्यकता होती है। लेकिन फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट में ट्रेडर्स कम पैसे में पोजिशन ले सकते हैं। इसके बिना क्रिप्टो को खरीदे, उन्हें मूवमेंट का अंदाजा लगाने का मौका मिलता है। फ्यूचर्स प्रोडक्ट्स के दो प्रमुख प्रकार होते हैं। पहले में, एक्सपायरी डेट होती है। और दूसरे में, एक्सपायरी डेट नहीं होती है, जिसे परपेचुअल फ्यूचर्स कहा जाता है।
Pi42 ने रुपये में दांव लगाने की सुविधा प्रदान की है। Pi42 के को-संस्थापक अविनाश शेखर ने बताया कि भारत में परपेचुअल फ्यूचर्स में ट्रेडिंग करने वाले लोगों के लिए एक नई विकल्प है। वे बता रहे हैं कि Pi42 में रुपये में ट्रेडिंग के क्रिप्टो फ्यूचर्स उपलब्ध हैं, जो भारतीय निवेशकों को इस नए विकल्प को समझने और उपयोग करने का मौका देता है। निवेशक अब रुपये में पैसे जमा करके लॉन्ग या शॉर्ट ट्रेड कर सकते हैं।
परपेचुअल फ्यूचर्स में ट्रेडिंग का उपयोग वैश्विक रूप से बढ़ रहा है। यह निवेशकों को अधिक वैल्यू की ट्रेडिंग करने का मौका देता है। क्रिप्टो परपेचुअल फ्यूचर्स मार्केट में लिक्विडिटी और ट्रेडिंग वॉल्यूम बहुत अधिक होता है। इन परपेचुअल कॉन्ट्रैक्ट्स में कोई समय सीमा नहीं होती, जिससे यह लंबी अवधि की ट्रेडिंग के लिए उपयुक्त होते हैं। शेखर ने बताया कि यही कारण है कि Pi42 परपेचुअल फ्यूचर्स प्रस्तुत करता है।
फ्यूचर्स ट्रेडिंग में मुनाफा हो सकता है, लेकिन इसमें काफी रिस्क भी होता है। एक SEBI के सर्वे के अनुसार, फ्यूचर्स ट्रेडिंग करने वाले 10 में से 9 निवेशकों को नुकसान होता है। औसत लॉस लगभग 1.10 लाख करोड़ रुपये होता है। इंडिया में क्रिप्टो में निवेश को लेकर कोई नियामक नहीं है, जिससे क्रिप्टो फ्यूचर्स पर दांव लगाना रिस्की हो सकता है।