Jharkhand News: झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन अचानक सक्रिय हो गए हैं। उन्होंने अधिकारियों को शिकायतों के त्वरित निपटारे का निर्देश दिया है और खुद भी इन शिकायतों पर कड़ी नजर रख रहे हैं। चंपई सोरेन ने सभी अधिकारियों को आदेश दिया है कि वे शिकायतों का जल्द से जल्द समाधान करें।
झारखंड के आदिवासी बहुल प्राथमिक विद्यालयों में जल्द ही स्थानीय और जनजातीय भाषाओं की पढ़ाई शुरू होगी। मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने इस पहल के लिए निर्देश जारी किए हैं। शिक्षा विभाग ने 33,000 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया इस महीने शुरू करने की योजना बनाई है। राज्य में 34,847 प्राथमिक विद्यालय हैं, जहां प्रति घंटी 200 रुपये भुगतान वाले शिक्षक स्थानीय भाषाएं पढ़ाएंगे।
दिल्ली में इंडिया गठबंधन की बैठक में भाग लेने के बाद चंपाई सोरेन 6 जून को रांची लौटकर नई योजनाओं को लागू करेंगे। प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा के लिए 12,314.21 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है। अगले 3-4 महीनों में कई नई योजनाएं शुरू होंगी, और राज्य की संस्कृति और भाषा को संरक्षित करने पर भी जोर दिया जाएगा। प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा के लिए झारखंड ने 12,314.21 करोड़ रुपये का बजट रखा है।
Jharkhand News: इन भाषाओं की पढ़ाई के लिए नियुक्त किया जाएगा शिक्षकों की
राज्य के प्राथमिक विद्यालयों में स्थानीय और जनजातीय भाषाओं की पढ़ाई के लिए शिक्षकों की नियुक्ति के लिए सर्वे अंतिम चरण में है। यह सर्वे स्कूली शिक्षा विभाग द्वारा पिछले 2 महीनों से चल रहा है, जिसमें प्रत्येक जिले के विद्यालयों में भाषाओं के अनुसार शिक्षकों की आवश्यकता का आकलन किया जा रहा है। कुडुख, मुंडारी, संथाली, खड़िया, हो, ओड़िया और बांग्ला भाषाओं की पाठ्य पुस्तकों का मुद्रण और वितरण हो चुका है। इन भाषाओं में पढ़ाने के लिए शिक्षकों की नियुक्ति घंटी आधारित प्रणाली से की जाएगी।
इस महीने में हो सकता है सहायक आचार्य की नियुक्ति की परीक्षा
आपको बता दें कि झारखण्ड राज्य में 26,001 सहायक आचार्यों के लिए भी इस महीने ही परीक्षा आयोजित की जा सकती है। सहायक आचार्यों के लिए अब तक सिर्फ हिन्दी विषय की परीक्षा ही आयोजित किया गया है. लेकिन अब बाकी विषयों की परीक्षाएं लोकसभा चुनाव 2024 के कारण स्थगित किया गया था। जिसके लिए JSSC संशोधित के लिए तारीख जारी करने वाली है, बता दें कि 27-29 अप्रैल तक पारा शिक्षकों ने सहायक आचार्य के लिए हिंदी विषय की परीक्षा दी गई थी। वही पर 2-3 मई को गैर पारा शिक्षक अभ्यर्थियों ने सहायक आचार्य के लिए परीक्षा दी गई थी।
बहुभाषी शिक्षण सामग्री का विकास
मुख्यमंत्री के निर्देश पर झारखंड के विभिन्न क्षेत्रों की भाषाओं को ध्यान में रखते हुए मातृभाषा आधारित बहुभाषी शिक्षण सामग्री विकसित की गई है। चंपाई सरकार ने इस वित्त वर्ष में जनजातीय और स्थानीय भाषा की पढ़ाई पर विशेष जोर दिया था। सरकार ने सदन को सूचित किया था कि जनजातीय और स्थानीय भाषाओं में पढ़ाई के लिए लगभग 54,000 पाठ्य पुस्तकों का मुद्रण और वितरण किया गया है।
जनजातीय और स्थानीय भाषा सर्वे अंतिम चरण में
झारखंड के प्राथमिक स्कूलों में जनजातीय और स्थानीय भाषाओं में पढ़ाई के लिए शिक्षकों की जरूरत का सर्वे अब अंतिम चरण में है। स्कूली शिक्षा विभाग पिछले दो महीने से इस पर काम कर रहा है। सर्वे के पूरा होते ही, छात्रों की भाषाई जरूरतों के अनुसार शिक्षकों की भर्ती की जाएगी। सर्वे के निष्कर्षों के आधार पर यह निर्धारित होगा कि किस जिले के किस स्कूल में कितने और किस भाषा के शिक्षक आवश्यक हैं। सर्वे के परिणामों पर चर्चा कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।