Eco Tourism Scheme पर्यावरण आधारित पर्यटन, जिसे इकोटूरिज्म भी कहा जाता है, हाल के सालों में बड़े प्रचलित हो गया है। इस प्रकार के पर्यटन में यात्रीकों को प्राकृतिक पर्यावरणों का अन्वेषण करने का अवसर मिलता है, साथ ही उनके संरक्षण और स्थानीय समुदायों की कल्याण को भी बढ़ावा देता है। इस प्रकार के पर्यटन का मुख्य फोकस पर्यावरणीय संरक्षण, पर्यावरणीय संरक्षण, और जवाबी यात्रा प्रथाओं पर है।
झारखंड अपने पर्यटन स्थलों के लिए जाना जाता है। वहीं अब झारखंड के प्रर्यटन स्थल और सुंदर दिखेंगे। जल्द ही राज्य के प्रर्यटन स्थलों का कायाकल्प होगा। इको टूरिज्म योजना के तहत वन विभाग ने इस पूरे कायाकल्प को करने की योजना बनाई है। विभाग इको टूरिज्म योजना के तहत कोल्हान के दलमा, पलामू के बेतला, उत्तरी प्रमंडल (हजारीबाग) के कैनेरी हिल को विकसित करने की योजना बनाई है। इसके लिए तैयारी शुरू कर दी गई है। बता दें कि कई चरणों में कायाकल्प का काम होगा। इसके लिए छह करोड़ रुपये खर्च किए जायेंगे।
उपलब्ध कराई जायेगी जनसुविधाओं से जुड़ी सुविधाएं
इस इको टूरिज्म योजना के तहत सीढ़ियों पर टाइल्स, ओपेन जिम, सोलर पावर बैंक, विद्युतीकरण, जलापूर्ति की व्यवस्था समेत जनसुविधाओं से जुड़ी अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जायेगी। दलमा के मकुलाकोचा-3 में विद्युतीकरण और फर्चीनर का निर्माण कराया जायेगा। मड हाउस को भी घेरा जायेगा। दलमा स्थित मंदिर की सीढ़ियों में टाइल्स और स्टील रेलिंग लगायी जायेगी। मंदिर के पास लकड़ी का बेंच लगाया जायेगा। डस्टबिन लगाया जायेगा। इसके साथ ही सोलर पावर बैंक और जलापूर्ति की व्यवस्था सुनिश्चित की जायेगी। यहां लोगों को घुमाने के लिए टूरिस्ट गाइड को भी प्रशिक्षण दिया जायेगा। यहां बटरफ्लाइ के संरक्षण का काम भी होगा।
चाईबासा के जागरूकता पार्क का भी होगा विकास
वहीं इस योजना के तहत चाईबासा में जागरूकता पार्क का निर्माण आम किया जायेगा। गोशाला जॉगर्स सह जागरूकता पार्क में 25 लाख रुपये की लागत से मिट्टी का कार्य होगा। यहां तालाब, पौधरोपण, बागवानी, बैठने की व्यवस्था की जायेगी। साइनेज और सौंदर्यीकरण का काम भी होगा। पलामू के बेतला स्थित टाइगर पार्क के सुंदरीकरण हो रहा है। यहां कराये गये कार्यों के लिए करीब 36 लाख रुपये मजदूरी के रूप में स्वीकृत किया गया है।
कैनरी हिल में होगा बायोडायवर्सिटी पार्क का निर्माण
हजारीबाग स्थित कैनरी हिल में बायोडायवर्सिटी पार्क के निर्माण पर पहले चरण में 2.70 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना है। वहां मौजूद तालाब का भी जीर्णोद्धार किया जायेगा। पब्लिक यूटिलिटी सेवा बना जायेगी। परिसर के अंदर पाथ-वे का निर्माण किया जायेगा। कंक्रीट का डिजाइनर बेंच भी लगाया जायेगा। कंक्रीट और बांस का गजीबो बनाया जायेगा। कई इको फ्रेंडली डस्टबिन लगाया जायेगा। वन विभाग ने तय किया है कि तालाब के किनारे स्टील की रेलिंग लगायी जायेगी।
परिसर में झूला, स्लाइडर और चिल्ड्रेन पार्क का निर्माण भी कराया जायेगा।झारखंड में कई सुंदर स्पॉट हैं। इसमें वन विभाग के क्षेत्र में जो भी पर्यटन दृष्टिकोण से स्थान है। उसका विकास हो रहा है। कई स्थानों को विकसित किया गया है। कुछ को विकसित किया जा रहा है। झारखंड की खूबसूरती बाहर के लोगों तक पहुंचाने के उद्देश्य से काम हो रहा है।।