झारखंड के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले आठवीं कक्षा के नौ लाख छात्र-छात्राओं को साइकिल की राशि 4500 रुपये उपलब्ध कराई जाएगी। यह राशि 2020-21, 2021-22 और 2022-23 में आठवीं में रहे छात्र-छात्राओं को मिलेगी। इसके लिए आदिवासी कल्याण आयुक्त अजय नाथ झा ने सभी जिलों के उपायुक्तों से स्कूलवार लाभान्वित होने वाले छात्र छात्राओं की जानकारी मांगी है। वर्तमान में पीएल खाते में इसकी राशि जमा है। इसमें लगभग नौ लाख लाभार्थियों को डीबीटी के माध्यम से राशि जारी करने का निर्णय लिया गया है। जिलों से विद्यालयवार छात्र-छात्राओं की सूचना 15 अक्टूबर तक मांगी गई है।
मिलने वाली सूचना के आधार पर छात्रछात्राओं के खाते में डीबीटी के माध्यम से राशि का भुगतान किया जाएगा। वहीं,हीं वित्तीय वर्ष 2023-24 और 2024-25 के लिए खुली निविदा के माध्यम से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ी जाति और अल्पसंख्यक समुदाय के लगभग छह लाख छात्र-छात्राओं के बीच साइकिल वितरण करने का लक्ष्य रखा गया है। विभाग द्वारा निविदा की कार्रवाई शुरू की जा रही है।
पिछले दिनों कैबिनेट ने तीन वित्तीय वर्ष 2020-21, 2021-22 और 2022-23 के लिए आवंटित राशि को डीबीटी के माध्यम से छात्रों को भेजने का फैसला लिया था. इसके बाद विभागीय स्तर पर कार्रवाई शुरू हुई है. उपायुक्त से कहा गया है कि वह स्कूलों से ऐसे छात्र-छात्रों के नाम, पता के साथ उनके बैंक एकाउंट की जानकारी दें. उल्लेखनीय है कि वित्तीय वर्ष 2023-24 और 2024-25 के लिए सरकार साइकिल खुद खरीदेगी. इसके लिए खुली निविदा की प्रक्रिया भी सरकार ने शुरू कर दी है.
राज्य सरकार ने सरकारी स्कूलों की स्थापना का नियम बनाया कि पंचायतों के तीन किलोमीटर की परिधि में मिडिल स्कूल और पांच किलोमीटर की परिधि में हाइस्कूल होंगे. आठवीं पास कर बच्चों को हाइस्कूलों मेंजाना पड़ता है, ऐसे में गरीब तबके के कुछ खास वर्गको साइकिल दी जाती है. बच्चों के ड्रॉपआउट को रोकने के उद्देश्य से पूरी योजना शुरू की गयी थी. झारखंड के सुदूर ग्रामीण इलाके में ऐसे दर्जनों गांव हैं, जहां से बच्चों को 10 से 12 किलोमीटर दूर हाइस्कूल मेंजाना पड़ता है.