Budget 2024-25: इस वर्ष अप्रैल-मई महीने में होने वाले सामान्य चुनाव के कारण, अंतरिम बजट को फरवरी महीने में प्रस्तुत किया जाएगा। चुनावों के बाद, नई सरकार विस्तृत बजट प्रस्तुत करेगी। यद्यपि अंतरिम बजट में आमतौर पर बड़े घोषणाएँ नहीं होती हैं, हालांकि इस वर्ष भी सभी क्षेत्रों में बजट से संबंधित अनेक उम्मीदें हैं। बजट की घोषणा 1 फरवरी 2024 को होगी।
Budget 2024-25: वित्त वर्ष 2024-25 के लिए अंतरिम बजट पेश होने में कुछ ही दिन बाकी हैं, और बजट की घोषणा 1 फरवरी 2024 को होगी। इस बार अप्रैल-मई में आम चुनाव होने के कारण, फरवरी में अंतरिम बजट पेश किया जा रहा है। अंतरिम बजट में बड़े ऐलान असमान्य होते हैं, लेकिन इस बार हर सेक्टर में बजट से जुड़ी विभिन्न उम्मीदें हैं। ICRA लिमिटेड की सब्सिडियरी ICRA Analytics भी वित्त वर्ष 2025 के अंतरिम बजट में कई संभावित बदलावों की आशा कर रही है। चलिए, जानते हैं इन बदलावों के बारे में…
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Budget 2024-25टैक्सेशन की बात करे तो
- सुरक्षा लेनदेन कर के कर रहे टैक्स को हटाने की मांग के अनुसार, आईसीआरए ने बताया है कि बाजार ने पिछले कुछ वर्षों से एसटीटी को हटाने की मांग की है। जीएसटी कलेक्शन में वृद्धि होने के कारण, इस मांग को फिर से महत्त्वपूर्णता मिली है। इस कदम पर विचार करने से समझा जा सकता है कि यह और भी निवेशकों को घरेलू इक्विटी बाजारों में निवेश के लिए प्रेरित करेगा।
- डिविडेंड पर डबल टैक्सेशन का मुद्दा भी उठाया गया है: कंपनी प्रॉफिट पर टैक्स भुगतान करती है, और सरकार डिविडेंड पर भी टैक्स लगाती है, जिससे डिविडेंड पर डबल टैक्स होता है। डिविडेंड पर डबल टैक्सेशन को समाप्त करने से शेयरधारकों को राहत मिल सकती है।
Budget 2024-25: पेंशन के साथ बीमा की बात करे तो
- अटल पेंशन योजना के अंतर्गत, रेटिंग एजेंसी का कहना है कि सरकार संभावना है कि वह अटल पेंशन योजना के तहत असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों की न्यूनतम पेंशन राशि को बढ़ा सकती है। वर्तमान पेंशन राशि नए सब्सक्राइबर्स के लिए पर्याप्त आकर्षक नहीं है।
- NPS से वार्षिक आय को कर मुक्त स्थिति मिल सकती है: वरिष्ठ नागरिक, संघर्ष के बाद वार्षिक आय या एन्युइटी इनकम पर अधिक निर्भर होते हैं। आईसीआरए का मानना है कि सरकार स्वास्थ्य और चिकित्सा खर्चों को ध्यान में रखते हुए एनपीएस से एन्युइटी इनकम को कर मुक्त स्थिति में शामिल कर सकती है। इसके साथ ही, इस स्कीम में प्रति वर्ष 50000 रुपये के निवेश पर मिलने वाली पेंशन की सीमा 1 लाख रुपये तक बढ़ाई जा सकती है।
- जीवन बीमा प्रीमियम के लिए अलग से टैक्स छूट: जीवन बीमा प्रीमियम पर टैक्स डिडक्शन को आयकर कानून के सेक्शन 80सी के तहत जोड़ने की बजाय, एक अलग छूट लाने से देश में बीमा प्रोडक्ट्स की पहुंच में सुधार हो सकता है और लोगों को जीवन बीमा में निवेश करने के लिए प्रोत्साहन मिल सकता है। एजेंसी का कहना है कि इसके अलावा, सरकार बजट में स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों पर लगाए गए 18 प्रतिशत जीएसटी पर भी पुनर्विचार कर सकती है।
Budget 2024-25: मार्केट की बात करे तो
- क्रिप्टोकरेंसी: बाजार की मांग है कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी बाजार पर और व्यापक नीतियों पर विचार करे। आईसीआरए आशा करता है कि सरकार एक नियामक ढांचा तैयार करेगी ताकि क्रिप्टो बाजार में अधिक सहभागिता हो सके।
- एनर्जी ट्रांजिशन फंड: आईसीआरए का दावा है कि एनर्जी ट्रांजिशन और नेट जीरो लक्ष्यों के लिए एक मेगा कैपिटल आउटले की योजना बना सकती है। उम्मीद है कि सरकार नई ऊर्जा स्रोतों – ग्रीन हाइड्रोजन, एथेनॉल, और अन्य बायोफ्यूल्स पर ध्यान देगी।
Budget 2024-25: म्यूचुअल फंड्स की बात करे तो
- आईसीआरए के अनुसार, सरकार आईक्विटी म्यूचुअल फंड और यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान, यानी यूलिप, के बीच टैक्स ट्रीटमेंट में अंतर को कम करने का विचार कर सकती है।
- कैपिटल गेन्स स्ट्रक्चर का सरलीकरण: घरेलू इक्विटी और म्यूचुअल फंड में समान होल्डिंग अवधि की शुरुआत करके कैपिटल गेन्स टैक्सेशन स्ट्रक्चर को सरल बनाया जा सकता है। आईसीआरए के अनुसार, यह टैक्स ट्रीटमेंट में एकरूपता को बढ़ावा देने की उम्मीद है। हालांकि, ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि इक्विटी निवेशक, अन्य निवेशकों की तुलना में अधिक जोखिम लेते हैं और इसलिए उसी के अनुसार ध्यान देना चाहिए।