Budget 2024: सिर्फ कुछ दिनों के बाद, संसद में 2024-25 के आंतरिम बजट का प्रस्तुतन होने वाला है। 1 फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस बजट के बारे में अपने भाषण में विचार साझा करेंगी। कुछ साल पहले, बजट फरवरी के अंत में पेश किया जाता था, लेकिन इस बार इसमें कुछ नई विशेषताएं हो सकती हैं।
संसद में पेश होने वाले आने वाले वित्त वर्ष 2024-25 के अंतरिम बजट की घड़ी नजदीक आ रही है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने निर्धारित 1 फरवरी को अपने बजट भाषण के लिए। बजट पेश करने का समय पहले फरवरी के अंत में था, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व वाली सरकार ने इस परंपरा को बदलकर 28 फरवरी से 1 फरवरी में बदल दिया है। 2017 में पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने घोषणा की थी कि केंद्रीय बजट अब फरवरी के अंतिम कार्य दिन पर पेश नहीं किया जाएगा, जैसा कि पूर्ववर्ती प्रथाएँ थीं।
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Budget 2024: बजट क्या है, इसकी शुरुआत भारत में किसने की?
Budget 2024: यह एक वार्षिक वित्तीय रिपोर्ट है जिसे केंद्रीय बजट के रूप में भी जाना जाता है, और संसद में पेश किया जाता है। इसमें आने वाले वित्तीय वर्ष के लिए आय और खर्च की विस्तृत जानकारी होती है। इस परंपरा की शुरुआत 1860 के दशक में हुई थी, जब ईस्ट इंडिया कंपनी के अधिकारियों ने इसे भारत में प्रस्तुत किया।
ब्रिटिश की चलाई तीन परंपरा में किया बदलाव?
- पूर्व वित्त मंत्री जेटली ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया और ब्रिटिश शासन के तहत चली आ रही 92 साल पुरानी बजट प्रथा को समाप्त करने के लिए बजट की पेशकश की तारीख को 1 फरवरी में स्थापित किया।
- जेटली ने रेलवे के लिए अलग बजट पेश करने की परंपरा को समाप्त करते हुए घोषणा की कि रेलवे बजट को केंद्रीय बजट के साथ जोड़ा जाएगा।
- स्वतंत्रता के बाद भी चलने वाली ब्रिटिश प्रथा को बदलते हुए, यशवंत सिन्हा ने 1999 में केंद्रीय बजट की पेशकश की तारीख को दोपहर 5 बजे से सुबह 11 बजे में बदलने का प्रस्ताव दिया। इससे गहन विश्लेषण के लिए अधिक समय मिला और सिन्हा ने स्वतंत्र भारत के इतिहास में सबसे पहले सुबह 11 बजे केंद्रीय बजट पेश किया।