Income Tax Saving : अगर आप एक स्मार्ट टैक्सपेयर हैं जो अधिक बचत और बेहतर रिटर्न पाना चाहते हैं, तो इस खबर को एक नजर देना बिल्कुल शक्तिशाली हो सकता है। आज हम आपके लिए लाए हैं पांच शानदार विकल्प जो टैक्स में सबसे ज्यादा बचत करने में मदद कर सकते हैं। इन उपायों को जानकर, आपका टैक्स ज्ञान आपकी फायदे में बदल सकता है।
Income Tax Saving : आगामी वित्त वर्ष के लिए योजना बनाएं या इस वित्त वर्ष के अंत में अपने टैक्स सेविंग्स को बढ़ावा दें – चाहे ऐसा करने का आपका इरादा हो, हमारी शीर्ष 5 टैक्स सेविंग निवेश विकल्प से आपको न केवल कर बचाने में मदद होगी, बल्कि बेहतर रिटर्न भी मिलेगा। यहां दी गई जानकारी आपके लिए फायदेमंद हो सकती है, तो जल्दी से इसमें दी गई विकल्पों को जांचें।
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एनपीएस (NPS): Income Tax Saving
एनपीएस – एक शानदार टैक्स सेविंग विकल्प है। पिछले 5 सालों में इसने 8% से ज्यादा रिटर्न दिया है, और यह निवेश करने से आपके पैसे रिटायरमेंट तक के लिए सुरक्षित रहते हैं। 80C की लिमिट समाप्त होने के बाद भी, इसमें निवेश करके आप टैक्स बचा सकते हैं। सेक्शन 80CCD(1b) के तहत 1.5 लाख रुपये तक के सालाना निवेश पर होने वाले टैक्स छूट के अलावा, आपको 80CCD(1b) के तहत 50 हजार रुपये के अतिरिक्त निवेश पर भी बढ़ीया लाभ होगा।
इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS): Income Tax Saving
इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS) एक अत्यंत सकारात्मक टैक्स सेविंग उपाय है। इन स्कीम्स ने पिछले 5 साल में 18% से अधिक रिटर्न प्रदान किया है, और इसमें निवेश का लॉक-इन पीरियड सिर्फ 3 साल होता है, जो अन्य टैक्स सेविंग विकल्पों से कम है। यहां एक और कमाल की बात है – इक्विटी फंड्स के इस क्षेत्र में 1 लाख रुपये तक के मुनाफे पर कोई टैक्स नहीं है। इसके अलावा, 10% LTCG टैक्स की दर से ज्यादा मुनाफा होने पर भी, इससे ऊंचे टैक्स स्लैब में आने वालों के लिए फायदेमंद है। SIP के माध्यम से इसमें निवेश को अच्छा माना जाता है, जिससे एवरेजिंग का लाभ होता है और बाजार की उतार-चढ़ाव से निवेश के प्रभावित होने का रिस्क कम होता है। इसे दीर्घकालिक धन निर्माण के लिए एक उत्कृष्ट विकल्प माना जा सकता है।
सीनियर सिटिजन्स सेविंग स्कीम (SCSS)
Income Tax Saving : बुजुर्गों के लिए सीनियर सिटिजन्स सेविंग स्कीम (SCSS) टैक्स बचाने का एक अच्छा विकल्प है, जहाँ फिलहाल रिटर्न की दर 8% से अधिक है। इसमें 5 साल का लॉक-इन होता है और इसके बाद आप इसे 3-3 साल के लिए बढ़ा सकते हैं। यहां तक कि मैच्योरिटी पर मिलने वाली राशि टैक्सेबल है, लेकिन सीनियर सिटिजन्स को साल में 50 हजार रुपये तक के ब्याज पर कोई टैक्स नहीं देना पड़ता। यहां एक व्यक्ति 30 लाख रुपये तक निवेश कर सकता है और पहले निवेश पर 80C के तहत टैक्स लाभ होता है, लेकिन अकाउंट के रिन्यूअल पर यह लाभ नहीं होता।
सुकन्या समृद्धि योजना (SSY): Income Tax Saving
Income Tax Saving : बेटी के नाम पर निवेश को बढ़ावा देने वाली इस स्कीम में वर्तमान में 8.2 फीसदी की वार्षिक ब्याज दर है। इसमें निवेश करने का अधिकार उन लोगों को है, जिनकी बेटी 10 साल या उससे कम की आयु में है। निवेश किए गए धन को बेटी की 18 साल तक की आयु के लिए लॉक किया जाता है, और इसमें 80C के तहत टैक्स छूट मिलती है, साथ ही मैच्योरिटी राशि भी टैक्स फ्री होती है। इस स्कीम के तहत खोले गए खाते में एक साल में अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक की रकम ही जमा की जा सकती है, और माता-पिता इसे दो बेटियों के लिए खोल सकते हैं, लेकिन जमा की गई राशि एक साल में 1.5 लाख रुपये से अधिक नहीं हो सकती। वर्तमान में, यह स्कीम EEE लाभ देने वाली सभी स्कीमों में सबसे ज्यादा निश्चित लाभ प्रदान कर रही है।
यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (ULIP): Income Tax Saving
टैक्स सेविंग की दृष्टि से, यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (ULIP) एक उत्कृष्ट विकल्प हो सकता है। पिछले 5 सालों में, इसने औसतन 8% से अधिक सालाना रिटर्न प्रदान किया है। टैक्स सेविंग ULIP में निवेश करने पर 5 साल का लॉक-इन होता है और इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि सेक्शन 10(10d) के तहत मिलने वाले राशि पूरी तरह से टैक्स फ्री है। यह लाभ तभी होगा जब आपका ULIP प्लान सालाना प्रीमियम का कम से कम 10 गुना हो। एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि ULIP में पॉलिसी होल्डर अपनी सुविधा के अनुसार इक्विटी फंड से डेट फंड या डेट फंड से इक्विटी फंड में स्विच कर सकते हैं और इसका कोई टैक्स परिणाम नहीं होता। ध्यान रखें कि यूलिप के माध्यम से मिलने वाला लाइफ कवर आमतौर पर कम होता है, लेकिन टैक्स सेविंग और मैच्योरिटी अमाउंट के टैक्स फ्री होने के कारण, यह एक आकर्षक विकल्प हो सकता है। लंबे समय तक निवेश करने पर, इससे उच्च पोस्ट-टैक्स रिटर्न भी प्राप्त किया जा सकता है।
एक महत्वपूर्ण सुझाव: अगर आप होम लोन के प्रिंसिपल और इंटरेस्ट पेमेंट से लेकर सेक्शन 80C के तहत आने वाले इनवेस्टमेंट ऑप्शन्स के माध्यम से टैक्स बचाना चाहते हैं, तो ध्यान दें: पुरानी टैक्स रिजीम का चयन करें। इसे न चुनने पर, इस साल से आपको न्यू टैक्स रिजीम में डिफॉल्ट रूप से शामिल किया जाएगा, जिससे आपके पास टैक्स बचाने के लिए कम मौके हो सकते हैं। एक बात ध्यान रखें, यदि आपकी सालाना आमदनी 7 लाख रुपये से कम है, तो नई टैक्स रिजीम आपके लिए फायदेमंद हो सकती है।