Weather news: राजधानी रांची सहित पूरे राज्य में मौसम साफ हो गया है। बीते दिनों पांच दिनों तक बारिश हुई, जिसके बाद से आसमान एकदम साफ हो गया है। रांची स्थित भारतीय मौसम विज्ञान केंद्र के वरीय वैज्ञानिक डॉ अभिषेक आनंद के अनुसार फिलहाल बारिश की कोई संभावना नहीं है। वहीं अगले 36 से 48 घंटे के अंदर राज्य के अधिकांश हिस्से से मानसून के वापस लौट जाने की उम्मीद है।
इस दौरान राज्य के अधिकांश इलाकों का मौसम शुष्क रहेगा। अधिकतम तापमान 32 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की उम्मीद है। दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 25 सितंबर के आसपास अपनी वापसी शुरू कर सकता है। मौसम विभाग ने यह अनुमान जताया है।
आमतौर पर मॉनसून की वापसी 17 सितंबर के आसपास उत्तर-पश्चिम भारत से शुरू होती है जो 15 अक्टूबर तक पूरी हो जाती है। मौसम ने शुक्रवार को कहा कि दक्षिण पश्चिम मॉनसून की 25 सितंबर के आसपास उत्तर पश्चिम भारत से वापसी शुरू होने की संभावना है। आमतौर पर, दक्षिण-पश्चिम मॉनसून एक जून तक केरल में दस्तक देता है और यह 8 जुलाई तक पूरे देश में फैल जाता है।
इसकी वापसी 17 सितंबर के आसपास उत्तर-पश्चिम भारत से शुरू होती है जो 15 अक्टूबर तक पूरी हो जाती है। आईएमडी ने कहा, ‘‘अगले पांच दिनों तक उत्तर-पश्चिम और आसपास के पश्चिम-मध्य भारत में कम बारिश की गतिविधियां जारी रहने की उम्मीद है। 25 सितंबर के आसपास पश्चिम राजस्थान के कुछ हिस्सों से दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की वापसी के लिए स्थितियां अनुकूल हो रही हैं।’’
गिरने लगा न्यूनतम तापमान
बादलों के छंटने के साथ ही तापमान में गिरावट आनी शुरू हो गयी है। तीन दिनों में न्यूनतम तापमान में दो डिग्री की गिरावट दर्ज की गयी है। शुक्रवार को जहां न्यूनतम तापमान 25 डिग्री था, वहीं शनिवार को गिर कर 23 डिग्री पर पहुंच गया है। सर्वाधिक बारिश वाले इलाके चाईबासा, जमशेदपुर और सरायकेला क्षेत्र में आज हल्के बादल छाये रहेंगे। दिन में उमस परेशान करेगी, जबकि शाम में मौसम सुहाना होगा।
पांच दिनों में 196.3 एमएम हुई बारिश
अक्टूबर माह के पांच दिनों में 196.3 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गयी है। पांच अक्टूबर के बाद बारिश नहीं हुई है। एक जून से अभी तक की बात करें तो 954.6 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गयी है, जबकि सामान्य वर्षापात के तहत इस अवधि में 1119.3 एमएम बारिश होनी चाहिए थी। सामान्य वर्षापात से अभी भी 164.7 एमएम कम बारिश रिकॉर्ड की गयी है।
मॉनसून की वापसी में देरी का कृषि पर पड़ता है असर
उत्तर पश्चिम भारत से मॉनसून की वापसी भारतीय उपमहाद्वीप से इसकी वापसी की शुरुआत का प्रतीक है। मॉनसून की वापसी में किसी भी देरी का मतलब है लंबा बारिश का मौसम, जो कृषि उत्पादन पर प्रभाव डाल सकता है, खासकर उत्तर पश्चिम भारत में जहां मॉनसून की बारिश रबी फसल उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। भारत में इस मॉनसून मौसम के दौरान अब तक 780.3 मिलीमीटर बारिश हुई है, जबकि सामान्य बारिश 832.4 मिलीमीटर होती है। दीर्घावधि औसत (एलपीए) का 94 प्रतिशत से 106 प्रतिशत के बीच वर्षा को सामान्य माना जाता है।